हाल ही में युवाओं में अनिद्रा की समस्या बढ़ रही है। यह समस्या कैसे हल होगी? विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि सोते समय 3-2-1 नियम का पालन करने से अनिद्रा से राहत मिल सकती है। लेकिन यह 3-2-1 नियम क्या है?

रात को घूमते पंखे को घूरकर सोने की चाहे जितनी भी कोशिश कर लो, नींद नहीं आती। और जब मुझे नींद नहीं आती, तो मेरी आंखें इधर-उधर भटकती रहती हैं, यहां तक कि मैं अपने हाथ के पास रखे मोबाइल फोन को भी नहीं देखती। अंततः फेसबुक और इंस्टाग्राम की दुनिया में खोए हुए, घड़ी की सुई सुबह की ओर बढ़ रही है। कई लोग कहते हैं कि वे बिस्तर पर लेटने पर भी सोना नहीं चाहते। शरीर बहुत थका हुआ होने पर भी नींद नहीं आती। ऑफिस का काम, पारिवारिक दबाव और वित्तीय तनाव के विचार लगातार मेरे दिमाग में घूमते रहते हैं।
डॉक्टरों के अनुसार शरीर में भी एक घड़ी होती है। वह कांटों पर भी चलना चाहता है। जैसे कि सोने का भी एक समय होता है, वैसे ही भूखे रहने का भी एक समय होता है। और अगर आप उस समय नहीं सोते तो वो भी एक बीमारी है। इस बीमारी का नाम है अनिद्रा। यह बीमारी हाल ही में युवा लोगों में फैल रही है। यह समस्या कैसे हल होगी?
विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि सोते समय 3-2-1 नियम का पालन करने से अनिद्रा से राहत मिल सकती है। लेकिन यह 3-2-1 नियम क्या है?
सोने से तीन घंटे पहले: सोने से तीन घंटे पहले शराब पीने, भारी भोजन करने और मीठा खाने से बचें।
सोने से दो घंटे पहले: सोने से दो घंटे पहले किसी भी जटिल या तनावपूर्ण कार्य से बचें।
सोने से एक घंटा पहले: सोने से एक घंटा पहले मोबाइल फोन, टैबलेट और टीवी जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूर रहें।